यहाँ सब खामोश है कोई आवाज़ नहीं करता, सच बोलकर कोई किसी को नाराज़ नहीं करता।
Sad Shayari
ख़ामोश बहुत हुँ मैं आजकल, क्योंकि शोर मेरे अंदर का बढ़ जो गया है।
तुमने नाराज़ होना छोड़ दिया, इतनी भी नाराज़गी ठीक नहीं।
सैड शायरी
कौनसा अंदाज़ है ये तेरी महोब्ब्त का, ज़रा हमको भी समझा दे, मरने से भी रोकते हो और जीने भी नहीं देते।
अब खामोश रहूंगा में जब तक तुम्हे मेरी कमी महसूस ना हो।
Sad Shayari In Hindi