“हम वो नहीं की भूल जाया करते हैं, हम वो नहीं जो निभाया करते हैं, दूर रहकर मिलना सायद मुस्किल हो, पर याद करके सांसो में बस जाया करते हैं.”
“रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं, कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं, ऐसे डूबा तेरी आँखों के गहराई में आज, हाथ में जाम हैं, मगर पिने का होश नहीं.”
“दिन तेरे ख़याल में गुजर जाता हैं, रातों को भी ख़याल तेरा ही आता हैं, कभी ये ख़याल इस तरह बढ़ जाता है की, आयने में भी तेरा ही चेहरा नज़र आता हैं.”
“एय मेरी जिन्दगी यूँ मुझसे दगा ना कर, उसे भुला कर जिन्दा रहू दुआ ना कर, कोई उसे देखता हैं तो होती हैं तकलीफ, एय हवा तू भी उसे छुवा ना कर”
“उनका हाल भी कुछ आप जैसा ही होगा, आपका हाले दिल उन्हें भी महसूस होगा, बेकरारी के आग में जो जल रहे हैं आप, आपसे ज्दा उन्हें इस जलन का एहसास होगा.”