Choti si zindgi he her baat se khush raho ,
Kal kisne dekha he apne aaj me khush raho
क्यूँकि रिश्तों में विश्वास,
और मोबाईल में नेटवर्क ना हो,
तो लोग Game खेलना शुरू कर देते हैं !!
फ़िज़ा में ज़हर भरा है जरा संभल कर चलो,
मुखालिफ आज हवा है जरा संभल कर चलो,
कोई देखे न देखे बुराइयां अपनी..
खुदा तो देख रहा है जरा संभल कर चलो।
ज़िन्दगी लहर थी आप साहिल हुए,
न जाने कैसे हम आपकी दोस्ती के काबिल हुए,
न भूलेंगे हम उस हसीं पल को,
जब आप हमारी छोटी सी ज़िन्दगी में शामिल हुए.
हँसी आपकी कोई चुरा ना पाये,
आपको कभी कोई रुला ना पाये,
खुशियों का दीप ऐसे जले ज़िंदगी में..
कि कोई तूफ़ान भी उसे बुझा ना पाये।