ख्याल तुम पर ही आकर रुक जाता है, तुम बिन मेरा दिल टूट सा जाता है, ख्याल बन कर साथ मेरे साथ तुम रहते हो, इन ख्यालों में ही मेरा दिन निकल जाता है.
माना कि इंतज़ार में सुबह से शाम हुई, पर गिला नहीं कोई क्योंकि ये तेरे नाम हुई.
कल भी हम तेरे थेआज भी हम तेरे हैं बस फर्क इतना है, कल अपनापन था आज अकेलापन हैं.
मैने छोड़ दिया बताना सबसे कि मुझे भी Hurt होता है, क्योकिं मेरी Feelings को समझने वाला कोई नही है मेरे पास.
कदम यूं हीं डगमगा गए रास्ते में वैसे संभलना हम भी जानते थे, ठोकर भी लगी उसी पत्थर से जिसे हम अपना मानते थे.