तेरे और मेरे दिल क रिश्ता बहुत अजीब है, मीलों की है दूरियाँ फिर भी तूसबसे करीब हैं.
ज्यादा लगाव ना रख मुझसे, मेर दुश्मन कहते है मेरी उम्र छोटी है, डर मुझे अपनी मौत का नही तेरे अकेले पन का है.
अक्सर दिखावे का प्यार ही शोर करता है, सच्ची मोहब्बत तो इशारो में ही सिमट जाती है.
तेरे दीदार का नशा भी अजीब हैं, तु ना दिखे तो दिल तडपता हैं और तु दिखे हैं तो नशा और चढता हैं.
निशाँनियाँ मतमाँगा करोमोहब्बत में बड़ी तौहीन होती है, दीवानगी से बढ़ के भला क्या कोई निशानी होगी.